
जिम्मेदारी.......
कभी कभी जिम्मेदारी एक दूर की सोच लगती है। कभी कभी दूर की सोच कर कोई निर्णय लेना यह हिसी डर की निशानी नहीं होती। सोच समजकर लिया हुआ फ़ैसला भी तो एक समज भरी जिम्मेदारी की निशानी ही तो है।
कभी कभी किसी चीज का निर्णय न लेना या ना ले पाना भी जिम्मेदारी के प्रति उठाया हुआ एक समज भरा कदम ही लगता है। जिम्मेदारी एक समज है, एक सोच है, अपने मन का एक दर्पण है।
जिम्मेदारी का मतलब सिर्फ़ काम को पुरा करना ही नहीं होता बल्कि काम के परिणाम को समज कर निर्णय लेना होता है। किसी चीज के प्रति सुरक्षित भाव रखना, डरना नहीं होता है, बल्कि उसके प्रति सुरक्षितता का भाव होता है। जिम्मेदारी का भाव अपना ही एक दर्पण होता है। बस अब यह हमपर निर्भर करता है की हम इस जिम्मेदारी को किस नजरिये से देखते है।
जिम्मेदारी हमारे भविष्य की निशानी भी होती है।
दिल का एहसास........
स्वागत है. शुभकामनायें.
ReplyDeletenarayan narayan
ReplyDeleteहिंदी भाषा को इन्टरनेट जगत मे लोकप्रिय करने के लिए आपका साधुवाद |
ReplyDeleteबहुत सुंदर…..आपके इस सुंदर से चिटठे के साथ आपका ब्लाग जगत में स्वागत है…..आशा है , आप अपनी प्रतिभा से हिन्दी चिटठा जगत को समृद्ध करने और हिन्दी पाठको को ज्ञान बांटने के साथ साथ खुद भी सफलता प्राप्त करेंगे …..हमारी शुभकामनाएं आपके साथ हैं।
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