Wednesday, June 24, 2009



विश्वास......



चीजें जब तक परफेक्ट न हो तो अछी नही लगती। ये देख रहे हो, ये ट्रोफिज, ये मेडल्स, ये सर्टिफीकेट्स.. ये सब अलग अलग जंगो में अलग अलग फ्रंट्स पे, इसी रेज्मंड्स के बहादुर ऑफिसर्स और जवानों ने इस रेजिमेंड को दिलाए है.... कभी जान पर खेल कर.... कभी जान देकर.... इस रेज्मंडने हमेशा अपने मुल्क और अपनी फौज को कामियाबी और जीत की ख़बर सुनाई है....

और जिस पल तुम ने इसे ज्वाइन किया है, ये तमाम ट्रोफिज और पुरस्कारों के साथ तुम्हारा एक रिश्ता बन गया है।

इन की इज्जत और मान रखना तुम्हारा काम है। और इस काम के लिए तुम्हारे साथ सौ करोड़ आदमियों का आशिर्वाद और विश्वास है। इस देश के सौ करोड़ इन्सान, जो इस विश्वास के साथ सोते है के मैं और तुम जाग रहे हैं।

ये विश्वास बहोत बड़ी इज्जत है......

और बहोत बड़ी जिम्मेदारी भी....

यु अंडरस्टेंड ? यस सर... गुड....

विश्वास एक बहोत बड़ी इज्जत और बहोत बड़ी जिम्मेदारी भी........

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