Thursday, September 3, 2009



मनभावन....


मनभावन.... अंदरूनी प्रेम तथा आनंद की भावना होतीं हैं।

















इसमें मन में बसी हुई एक प्रेम भरी, उल्हासित, निर्मल तथा पवित्र भावना होतीं हैं।


इसमें हर भाव आत्मा से प्रकट होता हैं।


विचारों का आदान-प्रदान आत्मा से सीधा आंखों तक होता हैं।


इसमें हर बात स्पष्ट होतीं हैं।


इसमें आत्मा का दर्पण झलकता हैं।


इसमें हर भाव स्पष्ट रूप से दिखाई देतें हैं।


इसमें सत्यता होतीं हैं, आत्मनिष्ठा होतीं हैं।


इसमें आत्मा का आनंद स्पष्ट रूप से झलकता तथा दिखाई देता हैं।



मनभावन.... आत्मा की आनंदभरी उड़ान....

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