
भूतकाल से सीखना....
भूतकाल से सीखना.... इन्सान को मिलीं एक बहोत बड़ी ताकद और एक बहोत बड़ा वरदान हैं।
अपने अतीत को, अपने भूतकाल को याद कर पाना, यानि बीती जिन्दगी को फिर से दोबारा जीने का मौका मिलना एक वरदान ही तो हैं।
भूतकाल से सीखना यानि सोने की खान मिलने के बराबर हैं।
यह वो चीज़ हैं जो भूतकाल में की हुई गलतियों पर विचार कर के अपने मंझिल के प्रति आगे बढ़ा जाए।
जब वर्तमान काल में हो रहीं गलतियाँ कम ना हो रहीं हो तो यह वह समय हैं जब भूतकाल से बहोत कुछ सिखा जा सकता हैं।
भूतकाल हमारें निकटतम मित्र की तरह होता हैं, जो हमें मुश्किल समय में सही राह दिखा कर आगे बढ़नें में मदद कर सकता हैं।
भूतकाल से सीखनें को मिलना यानि परिस मिलनें के बराबर हैं, यह मुश्किलों को आसन तो नहीं करता, पर हाँ, मुश्किलों से उभर कर उन से लड़ने ताकद ज़रूर देता हैं जो एक महत्वपूर्ण लडाई लड़ने के लिए काफी हैं।
भूतकाल से सीखना.... विकसित बनने के प्रति बढाया हुआ पहला कदम....
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