Tuesday, August 11, 2009



साथ....



साथ.... एक इच्छा और एक ज़रूरत भी।








साथ आत्मा की अनुमति के बाद ही बनता हैं।


साथ में आत्मा की इच्छा और अनुमति दोनों की ज़रूरत होतीं हैं।


साथ.... एक मीठा और सुहावना सफर होता हैं।


साथ.... में एक मिठास और प्रेम दोनों होतें हैं।


साथ.... में अपनापन होता हैं।


इसमें आत्मा का एक अद्भुत रिश्ता होता हैं।


इसमें देखभाल भी साथ साथ चलतीं हैं।


इसमें लज्जा भी होतीं हैं।



साथ.... बस.... एक साथ होता हैं....

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