Thursday, July 2, 2009


मन के आभूषण....



मन के आभूषण.... आदर,संकोच,निर्मलता,निर्भयता,अपनापन,लज्जा,मिठास... यह सब मन के अलौकिक आभूषण हैं।


मन एक अपनी ही ईच्छा से चलने वाला राजा और इस राजा के ऊपर लिखित सभी अमूल्य आभूषण होते है। इन अलौकिक आभूषणों के बिना तो मन की शोभा ही नही बढ़ती ऊपर लिखित सभी आभूषणों के अपने अपने अमूल्य गुन होते हैं। यह सभी आभूषण मन रूपी राजा की शोभा बढ़ाते हैं।


एक राजा जो अपने आभूषणों के बिना हमेशा अधुरा सा लगता हैं। पर आभूषण ही उसे पूर्णत्व दिलाते हैं। राजा तभी राजा कहलाता हैं जब उस में राजा जैसे गुन हो। आभूषण तो बस राजा की शोभा बढाते हैं। अगर मन रूपी राजा के पास ये अमूल्य आभूषण न हो तो मन रूपी राजा की शोभा कैसे बढेगी ?


मन के आभूषण हमेशा अमूल्य होते हैं।


"लज्जा" मन का सबसे महत्वपूर्ण आभूषण.....

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