Saturday, July 4, 2009



आँसूं....



आँसूं .... भावनाओं के दर्पण होतें हैं। मन के विचारों के प्रतिक होतें हैं। आँसूं इच्छाओं के प्रतिबिंब होतें हैं।


आँसूंओ की भाषा हर कोई नहीं समज़ पाता। ये तो आत्मा की प्रतिमा होतें हैं।

आँसूं तो आत्मा की भाषा होतें हैं। आँसूं तो मन और आत्मा की भाषा कहतें हैं। आँसूं विचारों के प्रतिक होतें हैं। आँसूं मन के दर्पण हो सकते हैं ? जी हाँ, आँसूं तो मन और आत्मा दोनों के दर्पण होतें हैं।


आँसूं एक भाषा होतें हैं और ये भाषा अपने आप पढ़ी जाती हैं। आँसूंओ की भाषा तो मन की भाषा पढ़ने वाले सहज रूप से पढ़ सकतें हैं।


आँसूं हमें और हमारें विचारों को प्रकट करतें हैं।


आँसूंओ का होना भावनाओं के अस्तित्व का प्रतिक हैं।



आँसूं..... मन और आत्मा के प्रतिबिंब.....

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