
ताड़ना....
किसी बात को सही तरीके से पहचानना "ताड़ना" कहलाता हैं।
सही ढंग से और पूर्णता युक्त तरीके से महसूस करना "ताड़ना" कहलाता हैं।
"ताड़ना" एक कसब हैं, एक कौशल्य हैं।
इसे सही तरीके से जानना तथा महसूस करना ज़रूरी होता हैं।
इसमें नज़र होतीं हैं। इसमें देखना और समझना बहोत महत्वपूर्ण होता हैं।
इसमें प्रामाणिकता होतीं हैं। "ताड़ना" एक क्रिया होती हैं।
निर्णय लेने में ताड़ने की प्रक्रिया एक महत्वपूर्ण भूमिका निभातीं हैं।
"ताड़ना".... एक बहोत ही महत्वपूर्ण कौशल्य....
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