
रोशनी....
रोशनी.... अंधेरे से उजाले की ओर जाने का सुगम तथा सरल माध्यम।
रोशनी सुहावनी होती हैं।
चाँद की रोशनी रात में और सूरज की रोशनी दिन में अपना एक अलग ही महत्त्व रखतीं हैं।
लेकिन मध्यम रोशनी हमेशा प्यारी लगतीं हैं। इस में शीतलता होतीं हैं। इस में मिठास होती हैं।
यह अपने आप ही में अद्भुत होतीं हैं। इस में आकर्षण होता हैं। इसमें कोमलता होतीं हैं।
रोशनी पथ दर्शक होतीं हैं। मंजिल तक पहुँचने का एक माध्यम होतीं हैं।
रोशनी मार्गदर्शक होतीं हैं।
रोशनी.... एक भव्यता और दिव्यता....
No comments:
Post a Comment