Saturday, July 18, 2009






शीतलता....





शीतलता.... किसे अच्छी नहीं लगतीं ?



इसमें ठंडक होतीं हैं।



इसमें मधुरता होतीं हैं। इसमें अपनापन होता हैं। इसमें स्वागत छिपा होता हैं।



इसमें मिठास होतीं हैं। यह एक मनभावन भावना होतीं हैं।



यह आत्मा को हमेशा शांत रखती हैं। यह एक मीठी भावना होतीं हैं।



इसमें पवित्रता होतीं हैं। इसमें आत्मा की स्थिरता देखनें मिलतीं हैं।



शीतलता हमेशा स्थैर्य होतीं हैं। इसमें आत्मा की खुशी झलकतीं हैं।



इसमें एकांत देखने मिलता हैं। इसमें शांतता होतीं हैं।





शीतलता.... आत्मा का एक कोमल एहसास....



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